शिकायतें ही मिली ज़िन्दगी से, जब भी मिली ।
कोई सहारा ना मिला ।।
यूँ तो हर वक़्त घिरे बैठे हैं यारों से
मगर अपनो में हमें
कोई हमारा ना मिला ।
तन्हा
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शिकायतें ही मिली ज़िन्दगी से, जब भी मिली ।
कोई सहारा ना मिला ।।
यूँ तो हर वक़्त घिरे बैठे हैं यारों से
मगर अपनो में हमें
कोई हमारा ना मिला ।