ख्याल

आज ना जाने क्यूँ ,फिर ये ख्याल आया 
की तेरे लबो पर भी मेरा ही नाम होगा 

वो कोरा कागज़ हाथ में ,दिल में पर शिकायत क्यूँ है 
साँसों में तुम हो बसी, फिर होठों पे शायद क्यूँ है 
इस शायद में भी , कही पे तेरा प्यार होगा 
आज ना जाने क्यूँ....

इन यादो में तुम्ही हो, ये तेरा दीवाना क्यूँ है 
चोट तो हमे थी लगी , पर दर्द तुम्हारा क्यूँ है 
इस दर्द में भी , मुस्कान मेरा हर बार होगा 
आज ना जाने क्यूँ....

तेरे मासूम चेहरे पर , गम की शिकन क्यूँ है 
दिल मेरा था टूटा, पर आँखें तुम्हारी नम क्यूँ है
इन आंसुओ पर भी, मेरा ही अधिकार होगा 
आज ना जाने क्यूँ.... 

ना जाने ये ख्याल इस दिल में , ठहरता क्यूँ है
मेरी नादान सी चाहत पर , वो यु हँसता क्यूँ है 
इसी हसी के साथ , हँसता ये संसार होगा 
आज ना जाने क्यूँ,फिर ये ख्याल आया 
की तेरे लबो पर भी मेरा ही नाम होगा 

No comments:

Post a Comment

Jijoe Mathew..."Jazbaat". Powered by Blogger.