गुजरती रही उम्र तमाम ,पल भर की मोहब्बत को
कुछ सांस और है बाकी, कुछ और इंतज़ार कर लेना...
कभी जो वक़्त मिले ,इस जहाँ के फर्जो - करम से
दो घडी ही सही,ज़रा गौर कर लेना..
यु ही चंद लम्हे बचा रखे है तुम्हारे ही लिए,
जब फुर्सत हो, हसरत से प्यार कर लेना..
बाते तो बहुत सी है कहने को तुमसे,
जुबां - बेजान है , निगाहों से अलफ़ाज़ असर कर लेना..
कुछ अधूरी ख्वाहिशे है इन निगाहों में,
बस भूल कर हकीक़त को तुम , एक ख्वाब ज़हन कर लेना..
यु तो गम हमने भी छुपा रखे है सीने में कई
तुम भी तन्हाई में कभी, अपने अश्क नज़र कर लेना ,
माना की गुनाहगार हूँ मै, पर पाक मोहब्बत है
मुझ पर ना सही मेरी मोहब्बत पे, ऐतबार कर लेना..
हँसी के नक़ाबो में उदासी को छुपा लेते है
मेरी यादें भी हस के , दिल में ही दफ़न कर लेना,
इत्तेफाक है अब तेरे हर इलज़ाम से मुझे
अब संगे- नश्तर चाहे सीने के पार कर लेना..
यु ही किसी फ़साने में कभी कुछ जज़्बात नाम रखा था,
जब उठे दर्द वो कहानी,वो जज़्बात याद कर लेना...
कुछ सांस और है बाकी, कुछ और इंतज़ार कर लेना..
कुछ और इंतज़ार कर लेना..
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