बस एक मेरी परछाई ही बाकी है मुझमे ,
अब कुछ और पाने की मुझसे ;ख्वाहिश ना करना
वक़्त के हाथो रुसवा हुए इस कदर ,
की शीशे से रूबरू होना ; क़यामत लगता है
गर यही हासिल है मेरी शराफत का
अब और शराफत की मुझसे ; ख्वाहिश ना करना
इश्क के तूफ़ान में डूबे थे इस कदर
सोचता हु तो एक फ़साना लगता है
बहुत सह लिया दर्द मोहब्बत का
अब फिर मोहब्बत की मुझसे ; ख्वाहिश ना करना
जाने कैसे जी रहा हु अब तक
अब कुछ और पाने की मुझसे ;ख्वाहिश ना करना
वक़्त के हाथो रुसवा हुए इस कदर ,
की शीशे से रूबरू होना ; क़यामत लगता है
गर यही हासिल है मेरी शराफत का
अब और शराफत की मुझसे ; ख्वाहिश ना करना
इश्क के तूफ़ान में डूबे थे इस कदर
सोचता हु तो एक फ़साना लगता है
बहुत सह लिया दर्द मोहब्बत का
अब फिर मोहब्बत की मुझसे ; ख्वाहिश ना करना
जाने कैसे जी रहा हु अब तक
जो दिल में उनका ख्याल रहता है
उम्र भर इन्तेजार किया जिस मुलाक़ात का
ए जज़्बात अब उस मुलाकात की ; ख्वाहिश ना करना
बस एक मेरी परछाई ही बाकी है मुझमे ,
अब कुछ और पाने की मुझसे ;ख्वाहिश ना करना
5 comments:
Awesome
bahut badiya
jiyo cheete jiyo
and next post jaldi se karo
Jijoe, that’s a well matured piece of writing beautifully depicting “Jazbaat” (feelings) which are inexpressible; as one can just feel himself / herself changing; in order to describe the feeling one has to have a poetic heart inside. Keep writing and keep sharing.
Very well written. I really like the emotion and the use of words...
keep writing so that we can keep reading :)
Cheers
Amitav Roy
Friends, the TRYTONE Band has finished the track for "KHWAHISH"..it will be soon released...
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